ओडिशा राज्य का सबसे बड़ा जिला है मयूरभंज जो की आजादी से पहले एक सम्मृद्ध और प्रगतिशील राज्य हुआ करता था l आज़ादी के बाद एक जिले की तौर पे ये पहले भारत और बाद में ओडिशा में मिलाया गया l गौरतलब है की इस जिले की काफी सारी समस्याएं है जिसमे से एक है बंगीरीपोसी घाटी रास्ता का संप्रासरण कार्य अबतक न हो पाना l अगर हम देखें तो NH 49 इस जिले से होकर गई है जो की कोलकाता से मुंबई तक का highway है l
बंगीरीपोसी घाटी में पिछले 2 सालों में 300 से ज्यादा छोटे बड़े दुर्घटना हो चुकी है जिसमे लगभग 40 लोगों की मृत्यु भी हो चुकी है और काफी लोग घायल भी हो चुके हैं , और दुर्घटनाएं होना बंद नहीं हुआ है l कोइ कोई तो इस घाटी को मौत का घाटी भी कहने लगे हैं l हर दूसरे दिन यहां कुछ न कुछ छोटा हो या बड़ा दुर्घटना होती रहती है l l स्थानीय लोगों की माने तो उनका कहना है की ये जो दुर्घटनाएं होती हैं वो सड़क चौड़ी न होने के कारण , लापरवाह ड्राइवर की वजह से तथा गाड़ियों के ब्रेक फेल हो जाने के कारण से होती है l
इस समस्या का स्थाई निराकरण के लिए NH 49 घाटी रास्ता का संप्रासरण करवाने की मांग को लेकर मयूरभंज जिले का युवा तथा गैर राजनैतिक संगठन भंजसेना काफी बार राजमार्ग पे उतर के आंदोलन , रास्ता रोक हड़ताल आदि कर चुका है जिसका समर्थन बंगीरीपोसी के नागरिक मंच, ड्राइवर संघ , व्यापारी संघ भी किए l लेकिन दुख की बात ये है की इतना सब कुछ के बाद भी अभितक बंगीरीपोसी घाटी रास्ता का कार्य सुरु नहीं हुआ है , हालांकि मयूरभंज के MP तथा केंद्र मंत्री ने दिसंबर 2023 तक कार्य सुरु करवाने का भरोसा मयूरभंज के निवासियों को दिया था l
अब देखना बाकी है की इस घाटी रास्ता का संप्रासरण कार्य कब चालू होगा और कब खतम? कब तक घटेगी दुर्घटनाएं, कब होगा समस्या का समाधान ?
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